Tuesday, November 3, 2009

ऐसा जीवन

है जब तक कायम सांसो की डोर

और हाथों में है अपना जोर

किस बात का कैसा डर ?

सारी दुनिया अपना घर,

अपने कदमों के निशान,

बन जायें अपनी पहचान

देख कर के सोचें लोग

है कोई ऐसा इंसान

अपनी धुन में बढ़ता जाए

राहें अपनी स्वयं बनाये

उस पार आ कर देखे तो

इस पार के सच को जान जाए

है क्या रक्खा उन बातो में

जो देते पल भर की राहत

जीवन का कुछ मतलब हो

है ऐसे जीवन की चाहत

No comments:

Post a Comment